यूरोपियन देशों में डॉक्टर और मरीज के बीच सीधे तौर पर संपर्क न हो, इसके लिए डॉक्टरों को बूथ में बिठाया जाता है। ऐसे ही बूथ यानी चेंबर का निर्माण निशातपुरा कोच फैक्ट्री में शुरू कर दिया गया है। इस बूथ का निरीक्षण रेलवे हॉस्पिटल के डॉक्टरों से करवा लिया गया है। उन्हें वह काफी पसंद आया है। पहले चरण डेढ़ दर्जन बूथ का निर्माण किया जाएगा। कोच फैक्ट्री के चीफ वर्कर्स मैनेजर मनीष अग्रवाल का कहना है कि डॉक्टरों को इंफेक्शन से बचाने के लिए पहली बार यहां पर ऐसे बूथ का निर्माण किया जा रहा है। माॅड्यूलर टॉयलेट को बूथ में बदला जा रहा हैं।
कोरोना संक्रमण का असर डॉक्टरों पर न हो, इसके लिए ऐसे बूथ की मांग की जा रही थी, जिसमें डॉक्टर के बैठने के बाद मरीज से सीधे तौर पर कोई संपर्क न हो। इसमें लगाए जाने वाले कांच में दो छेद भी किए गए हैं, जिनमें से डॉक्टर दस्ताने पहनकर मरीज के हाथ को पकड़कर भी उसका परीक्षण कर सकता है। इससे डॉक्टर को बार-बार दस्ताने बदलने की जरूरत नहीं होगी। फैक्ट्री प्रबंधन ने फिलहाल इसका प्रोटो टाइप बनाकर उसका फोटो रेलवे के अस्पतालों व स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया है। जैसे ही आॅर्डर मिलेगा, प्रबंधन ऐसे बूथ तैयार कर दे देगा।
37 में से 23 रेल आइसोलेशन वार्ड तैयार
भोपाल रेल मंडल ने कोच फैक्ट्री प्रबंधन से आइसोलेशन वार्ड बने 37 कोच पहले चरण में मांगे हैं। उनमें से 23 अब तक पूरी तरह तैयार हो चुके हैं और इस सप्ताह में तैयार कोच वार्ड की संख्या 37 हो जाएगी। हालांकि फैक्ट्री में कुल 50 कोच को वार्ड में बदलने का काम लगातार जारी है। अभी बनाए गए कोच स्लीपर व जनरल श्रेणी के हैं।
बेंच और बेड सहित सामान भेजा
कोच प्रबंधन ने रेलवे हॉस्पिटल के लिए बनाए बेड, बेंच, ऑक्सीजन स्टैंड सहित मेडिकल कार्यों के लिए काम आने वाला सामान तैयार कर भेज दिया है। रेलवे हॉस्पिटल प्रबंधन ने इसे तैयार करने का आदेश कोच फैक्ट्री को दिया था।